तबलीगी मरकज के संक्रमित कोरोना बम
                         (प्रकाशित आलेख )

   इतिहास में जब भी चीनी वायरस कोरोना से हुए नरसंहार  को लिखा  जाएगा तब उसमें यह उल्लेख भी करना पड़ेगा कि तबलीगी जमात ने अपनी अघोषित जिहाद से भारत सहित विश्व के अनेक देशों को इस महाप्रलय के सन्निकट पहुँचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी | जब मानव सभ्यता को बचाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को एक मात्र युक्ति माना  गया तब तबलीगी जमात ने इसे अस्वीकार कर अनेक देशों में इज्तिमा (इकठ्ठा होना/एकत्रित होना) आयोजित किये | जमात ने फरवरी माह में मलेशिया में विभिन्न देशों के लगभग  सोलह हजार लोगों को एकत्रित किया परिणामस्वरूप वहाँ कोरोना संक्रमण में तेजी से वृद्धि हुई | इसी क्रम में  बारह मार्च 2020 को  तबलीगी उलेमाओं ने लगभग ढाई लाख मुसलमानों का  इज्तिमा (इकठ्ठा करना) किया जिसके भयानक परिणाम पाकिस्तानी जनता भुगत रही है | स्मरण रहे कट्टर पंथी/आतंकी समूह इस्लामिक देशों में भी फिदाइन हमले करवाते हैं वहां युद्ध/जिहाद  उदार मुसलमानों या भिन्न फिरकों के विरुद्ध है उन्हें तो काफिरों से भी बड़ा शत्रु माना जाता है |
     तबलीगी जमात की  स्थापना सन 1927 में दिल्ली की निजामुद्दीन स्थित मस्जिद (निज़ामुद्दीन औलिया नहीं) में मोहम्मद इलियास अल कान्धलवी ने की | तब्लीगी जमात स्थापित करने का उद्देश्य  भारत के नव धर्मान्तरित मुसलमानों को उन प्राचीन रीति-नीति, चाल-चलन, भाषा -भूषा और पहचान से प्रथक करना था जो उन्होंने तब तक छोड़ी  नहीं थीं | पुरानी परम्पराओं से जुड़े होने के कारण ये लोग मुसलमान होते हुए भी हिंदुस्थानी ही दिखते थे | ऐसे लोगों के  पुनः हिन्दू धर्म में लौटने की संभावना से आशंकित होकर इन्हें पुरानी चीजों से काटा गया | दाड़ी रखना और टखनों से ऊपर सलवार/पजामा बांधना भी उसी अभियान का एक हिस्सा है  | यद्यपि इस्लाम मूल के भिन्न भिन्न देशों में परिधान,भाषाएँ व अन्य कई बातें  भी भिन्न भिन्न ही हैं पर हम यहाँ उसकी चर्चा नहीं कर रहे हम जमात के कोरोना प्रसार पर ही बात करते हैं |
    मार्च माह में जब दिल्ली सहित पूरे देश के विद्यालय, महविद्याल, कोचिंग संस्थान एवं  मंदिर कोरोना महामारी के चलते बंद किये जा रहे थे | लोगों से घरों में ही रहने का आह्वान किया जा रहा था तब दिल्ली में तबलीगी जमात के उलेमा भारत ही नहीं अपितु अन्य देशों से अपने अनुयायियों को भारत की राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में आमंत्रित कर रहे थे | जब सरकार ने एक दिवसीय जनता कर्फ्यू घोषित किया तब भी इन लोगों ने जमात में आना जाना बंद नहीं किया | क्या लॉक डाउन को विफल करने के लिए ही इन लोगों ने दो सौ से अधिक विदेशी नागरिकों सहित लगभग दो हजार लोगों को अपने सात मंजिला भवन में अवैध रूप से रखने का आपराधिक कृत्य  किया ? राज्य सरकार व केंद्र सरकार के स्पष्ट आदेशों के पश्चात  भी तबलीगी जमात के लोगों ने अपने देशी विदेशी अनुयायियों को भारत  के विभिन्न हिस्सों में भेजकर उनकी सूचना छुपा कर इस देश के साथ देश द्रोह और एक प्रकार का अघोषित युद्ध ही किया है | क्या यह संभावना नहीं है कि मरकज  ने अपने अनुयायियों को  लॉक डाउन फेल करने और कोरोना महामारी को  भारत में फैला कर मोदी सरकार और कुफ्र देश को बर्बाद करने के उद्देश्य से ही संक्रमित फिदाइन पूरे देश में भेजने का प्लान बनाया हो ? आज जम्मू कश्मीर,आसाम से लेकर कर्नाटक,तमिलनाडू तक तब्लीगी संक्रमित मानव बम प्लांट हो चुके हैं | राज्य सराकारों को अब इन्हें चिन्हित करने, निष्क्रिय करने में पसीने छूट रहे हैं | उच्च स्तरीय जाँच के बाद ही  सच्चाई  सामने आ पाएगी कि तब्लीगी जमात की मंशा क्या थी | 
सीएए कानून लागू होने से भारत,तुर्की,मलेशिया और पाकिस्तना के कट्टर पंथी मुसलमान मोदी सरकार और भारत देश के दुश्मन बने हुए हैं क्या तबलीगी जमात भी उसी दुश्मनी का बदला लेने के लिए शाहीन बाग़ पार्ट टू बनकर लॉक डाउन तोड़ो आन्दोलन चला रही थी | तबलीगी मौलाना के द्वारा मरने के लिए मस्जिदों से अच्छी जगह और कहाँ मिलेगी ,मस्जिदों को खाली मत छोड़ो के जेहादी नारे किस बात का संकेत दे रहे हैं ?

जहाँ एक ओर हर भारतीय कोरोना महामारी से लड़रहा है,हमारे डॉक्टर्स,नर्सेस,सिपाही आदि सभी योद्धा धर्म जाति भाषा सब भेदों से ऊपर उठकर  अपने प्राणों की चिंता न करते हुए रात दिन काम कर रहे हैं वहीं तबलीगी जमात के लोग पूरे देश में योजना और यत्न पूर्वक सक्रमण फैलाते हुए देखे जा रहे हैं क्यों ?
  अब तक जमात के लोगों ने अपने कृत्य पर न तो कोई शर्मिन्दगी व्यक्त की है और न हीं कोई क्षमा माँगी है सरकार के आदेशों को ताक पर रखकर विदेशी नागरिकों को छुपाने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं ? क्या वे इस्लामिक आयोजनों को भारत विनाश के मूल्य पर भी आयोजित करने पर आमादा थे  या फिर विनाश के लिए ही यह आयोजन किया जा रहा था | यदि तबलीगी अनुयायी इस लॉक डाउन को मोदी का लॉक डाउन कहकर अपने अनुयायियों को यह सन्देश देना चाहते थे कि मुसलमान अल्लाह  के अतिरिक्त किसी की  भी सरकार ( मोदी सरकार ) और क़ानून के आदेशों का पालन नहीं करती तो भी यह भारत एवं  विश्व स्वास्थ्य संगठन  के विरुद्ध युद्ध छेड़ने का अपराध बनता है |
जमात ने सभी अनुयायियों को तुरन्त स्थानीय प्रशासन को सूचना दे कर सेल्फ क्वारनटीन करने का फतवा जारी क्यों नहीं किया |
| जमात में शामिल लगभग दस  लोगों की म्रत्यु का समाचार आ रहा है,चौबीस कोरोना पोजिटिव पाए गए हैं  200 संदिग्ध मरीजों के सेंपल परीक्षण हेतु भेजे गए हैं यदि ये भी पोजिटिव पाए  पाए जाते हैं तो इन सैकड़ों से हजारों और हजारों से लाखों लोग जो इनके संपर्क में आए होंगे उन्हें पहचान पाना क्वॉरेंटाइन करना कितना मुश्किल होगा |
आज जब भारत का प्रत्येक नागरिक लॉक डाउन का पालन करते हुए जो सरकार राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार तथा स्थानीय प्रशासन के आदेशों का पालन कर रहा है वही देशभक्त है और जो प्रशासन से सूचनाएं छुपा रहा है लॉक डाउन का पालन नहीं कर रहा वह देश का दुश्मन है |
डॉ. रामकिशोर उपाध्याय
(स्वतंत्र टिप्पणीकार)

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